April 19, 2024
balamani amma

balamani amma

आज सुबह जब आपने इन्टरनेट पर कुछ खोजने के लिए गूगल खोला तो आपका ध्यान आज के बदले बदले से गूगल डूडल पर गया होगा ,जिसमें एक महिला दिख रही और आपके मन में यह सवाल ज़रूर आया होगा की क्या है कौन है यह खास महिला जिसे गूगल ने डूडल बना कर सम्मानित किया।चलिए हम आपको बताते हैं की आखिर यह महिला कौन हैं।

कौन है यह महिला

आपको बता दें की इस महिला का नाम बालामणि अम्मा है, जो एक भारतीय कवयित्री थीं, आज उनकी 113 वीं वर्षगांठ (बर्थ एनिवर्सरी) है। वे मलयालम में कविताएं लिखने के लिए प्रसिद्ध थीं। केरल के त्रिशूर जिले में बालमणि अम्मा का जन्म हुआ था। अम्मा ने कोई औपचारिक शिक्षा नहीं प्राप्त की फिर भी वे एक महान कवियित्री बनीं। बालमणि के मामा नलप्पट नारायण मेनन, जो खुद एक कवि थें, के पास किताबों का बढ़िया कलेक्शन था, जिसने बालमणि अम्मा को एक कवि बनने में मदद की। 19 साल की उम्र में अम्मा की शादी हो गयी थी। उनके चार बच्चे सुलोचना, श्याम सुंदर, मोहनदास और प्रसिद्ध लेखिका कमला दास हुए।

पद्म भूषण सम्मान से भी सम्मानित की जा चुकी हैं अम्मा

उन्होंने कई कविताएं लिखी थी,जिसके लिए उन्हें पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा उन्हें सरस्वती सम्मान और साहित्य अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया।

बालमणि अम्मा की कविताएं

बालमणि अम्मा की पहली कविता कोप्पुकाई थी,जो 1930 में प्रकाशित हुई थी। कुडुम्बिनी,मुथास्सी ,संध्या,नागरातील उन्ही प्रसिद्ध कविताएं थीं।

बालमनी अम्मा

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